AAP को खलेगी कैलाश गहलोत की कमी, जान लीजिए ये 4 बड़े कारण

नई दिल्ली : दिल्ली में विधानसभा चुनाव में कुछ महीने का समय बाकी है। ऐसे में वरिष्ठ नेता और मंत्री कैलाश गहलोत के इस्तीफे से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। हालांकि, गहलोत के इस्तीफे की अफवाहें लोकसभा चुनाव के बाद से ही चल रही थीं, लेकिन उनके

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नई दिल्ली : दिल्ली में विधानसभा चुनाव में कुछ महीने का समय बाकी है। ऐसे में वरिष्ठ नेता और मंत्री कैलाश गहलोत के इस्तीफे से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। हालांकि, गहलोत के इस्तीफे की अफवाहें लोकसभा चुनाव के बाद से ही चल रही थीं, लेकिन उनके इस्तीफे से पार्टी के भीतर अनिश्चितता और बढ़ गई है। ऐसे में सवाल है कि आखिर इतने महत्वपूर्ण मौके पर पाला बदलने से आम आदमी पार्टी पर कैसे असर पड़ेगा।

1. बीजेपी में शामिल हो सकते हैं गहलोत

सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुताबिक, परिवहन, महिला एवं बाल विकास, गृह, प्रशासनिक सुधार और आईटी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके गहलोत आने वाले दिनों में भाजपा में शामिल हो सकते हैं। साथ ही अपनी मौजूदा सीट नजफगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में पार्टी के लिए यह बड़ा झटका साबित होगा। गहलोत पार्टी के महत्वपूर्ण सदस्य रहे हैं। ऐसे में वह पार्टी की रणनीति से अच्छी तरह वाकिफ हैं। ऐसे में चुनाव से पहले बीजपी में शामिल होना आप के लिए नुकसानदेह साबित होगा।

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2. जाट वोटरों पर होगा असर

आप सूत्रों ने कहा कि दो बार के विधायक और वरिष्ठ मंत्री, जो पार्टी के प्रमुख बैकरूम संचालकों में से एक थे। ऐसे में उनका पार्टी से इस्तीफा एक झटका है। गहलोत के इस्तीफे की वजह से विधानसभा चुनाव में पश्चिमी दिल्ली के साथ ही दिल्ली देहात के इलाकों में जाट मतदाता प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजना को लागू करने के पार्टी के प्रयासों में बाधा आ सकती है। चुनाव से पहले नजफगढ़ समेत अन्य इलाकों में पार्टी को जाटों को यह संदेश देना होगा कि गहलोत के जाने के बावजूद पार्टी जाटों के साथ खड़ी है।

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3. एक अनुभवी प्रशासक की कमी

आप के भीतर इस बात को लेकर चिंता है कि गहलोत के चले जाने से कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं बाधित होंगी। गहलोत 'महिला सम्मान राशि' परियोजना की देखरेख कर रहे थे। यह इस साल के बजट में दिल्ली सरकार की मुख्य घोषणाओं में से एक थी। इस योजना के तहत 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये मिलने हैं। इसके साथ ही यह पार्टी के विधानसभा चुनाव प्रचार का मुख्य बिंदु बनने जा रही थी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, गहलोत अधिकारियों के साथ कई बैठकें कर रहे थे। साथ ही उन्हें योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए कह रहे थे।


4. प्रमुख योजनाओं को लगेगा झटका!

50 वर्षीय गहलोत कई महत्वपूर्ण और शीर्ष योजनाओं जैसे 'पिंक पास', 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना', 'इलेक्ट्रिक वीकल पॉलिसी के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में बस मार्शल और हाई-टेक सुरक्षा प्रणाली की शुरुआत और अधिक महिला बस चालकों को लाने के पीछे भी उनकी सोच थी। परिवहन मंत्री के रूप में गहलोत को राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रिक बस क्रांति और बस डिपो के इलेक्ट्रिफिकेशन की शुरुआत करने का श्रेय भी दिया जाता है। वह शहर के पुराने बस बेड़े में 1,000 से अधिक ई-बसों को शामिल करने में शामिल थे।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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